श्री टेढ़ेश्वर धाम दरबार में शिक्षा और संस्कृति का अनूठा संगम
दिल्ली के गोविंदपुरी कालकाजी स्थित श्री टेढ़ेश्वर धाम दरबार में संत श्री एकनाथ जी के सान्निध्य में बच्चों के लिए एक विशेष चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अनूठी पहल का उद्देश्य बच्चों में शिक्षा, रचनात्मकता, और कला के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था।
प्रतियोगिता में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जबकि उनके माता-पिता ने सक्रिय रूप से सहभागिता करते हुए बच्चों का मनोबल बढ़ाया। बच्चों ने अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए सुंदर और प्रेरणादायक चित्र बनाए, जो उनकी रचनात्मकता और शिक्षा के प्रति उनके उत्साह को दर्शाते थे।
चित्रकला प्रतियोगिता के साथ-साथ दरबार के शिष्यों द्वारा संगत के लिए कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक आनंद का माध्यम बना, बल्कि सामूहिक सौहार्द और एकता का प्रतीक भी रहा।
कार्यक्रम में श्री टेढ़ेश्वर धाम के पीठाधीश्वर संत श्री एकनाथ जी ने सभी उपस्थित संगत और मुख्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने प्रेरणादायक शब्दों के माध्यम से बच्चों, माता-पिता और संगत को शिक्षा और रचनात्मकता के महत्व के प्रति जागरूक किया। संत श्री ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कला और रचनात्मकता के माध्यम से आत्मनिर्भर और सशक्त बनने का संदेश दिया।
इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के प्रधान कुलदीप खन्ना जी और राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग के दिल्ली प्रभारी अधिवक्ता डॉ. अजय कुमार जैन उपस्थित रहे। दोनों ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए समाज में शिक्षा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में दरबार के सेवादार आकाश राठौर, निर्मला राठौर, भावना राठौर, राजकुमार, मोहित माही, निकिता, पवन, विनोद, प्रिंस, रवि चौहान, जितेंद्र तंवरऔर जागृति ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।
यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए एक प्रतियोगिता था, बल्कि समाज को एकजुट करने और नई पीढ़ी को सशक्त बनाने का प्रयास भी था। इस पहल ने यह सिद्ध किया कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा और नई दिशा देने में सक्षम होते हैं। श्री टेढ़ेश्वर धाम दरबार की यह पहल भविष्य में समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी।
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