दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन द्वारा अस्थि विसर्जन सेवा का आयोजन
नई दिल्ली: समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन (रजि.) ने मौजपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक की अध्यक्षता संगठन के संस्थापक विजय सक्सेना जी ने की, जिसमें संगठन के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य उन मृतक परिजनों की अस्थियों के सम्मानजनक विसर्जन की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना था, जिन्हें उनके परिवार किसी कारणवश लेकर नहीं जा पाए।
अस्थि विसर्जन सेवा अभियान:
दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिनांक 5 मार्च 2025, दिन बुधवार को दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न श्मशान घाटों से विस्मृत अस्थियों को एकत्र करेगा। इस कार्य के लिए संगठन के सदस्य पूरी निष्ठा से अलग-अलग श्मशान घाटों में जाएंगे और वहां रखी हुई अस्थियों को सम्मानपूर्वक संकलित करेंगे। इसके बाद हरिहर श्मशान घाट, मौजपुर बाबरपुर, दिल्ली से सुबह 9 बजे इन अस्थियों को लेकर ब्रजघाट, उत्तर प्रदेश के लिए प्रस्थान किया जाएगा।
ब्रजघाट पहुँचकर पूर्ण विधि-विधान और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार इन अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा, ताकि दिवंगत आत्माओं को शांति प्राप्त हो सके। यह संगठन का एक अत्यंत पुण्य कार्य है, जिसका उद्देश्य उन मृतकों की आत्मा की शांति सुनिश्चित करना है, जिनकी अस्थियां उनके परिजन लेकर नहीं जा सके।
सभी से सहयोग और सहभागिता की अपील:
संगठन ने सभी समाजसेवी मित्रों, सदस्यों और स्थानीय लोगों से इस पुनीत कार्य में जुड़ने और अधिक से अधिक सहयोग देने की अपील की है। यदि किसी के आसपास किसी श्मशान घाट पर विस्मृत अस्थियां रखी हैं, तो संगठन को इसकी सूचना दी जा सकती है, ताकि उनका भी विधिपूर्वक विसर्जन किया जा सके। यह अवसर सभी के लिए एक नेक कार्य में सहभागी बनने और पुण्य लाभ अर्जित करने का सुनहरा मौका है।
बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के विचार:
इस महत्वपूर्ण बैठक में संगठन के कई वरिष्ठ सदस्य और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें रामकुमार, देवेंद्र प्रकाश शर्मा, प्रेमसिंह पाल, सहदेव चौधरी, पंडित सुरेंद्र अग्निहोत्री, जोहरी अग्रवाल, राहुल शर्मा, संदीप अग्रवाल, प्रवीण गुप्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस सेवा कार्य की सराहना की और अधिक से अधिक लोगों को इसमें सम्मिलित होने का आग्रह किया।
संस्थापक का संदेश:
संगठन के संस्थापक विजय सक्सेना जी ने कहा कि यह सेवा कार्य न केवल दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए है, बल्कि इससे समाज में मानवता, सेवा और संस्कारों को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने सभी समाजसेवियों से अनुरोध किया कि वे इस महायज्ञ में सहयोग करें और इसे सफल बनाने में योगदान दें।
इस आयोजन से समाज में सेवा और श्रद्धा का भाव जाग्रत होगा और उन दिवंगत आत्माओं को मोक्ष प्राप्त करने में सहायता मिलेगी, जिनकी अस्थियां श्मशान घाटों में बिना विसर्जन के रह गई थीं। यह पहल उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं।
👉 संपर्क करें:
यदि आप इस सेवा कार्य से जुड़ना चाहते हैं या किसी श्मशान घाट पर विस्मृत अस्थियों के बारे में जानकारी देना चाहते हैं, तो दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन (रजि.) से संपर्क करें और इस पवित्र कार्य में सहभागी बनें।
🙏 “पुण्य कार्य में सहभागी बनें, दिवंगत आत्माओं को मोक्ष दिलाने में सहयोग करें।”
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