बाबरपुर में भाजपा की “परिवर्तन हुंकार यात्रा” से विधानसभा चुनाव का आगाज
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। क्षेत्र की निगम पार्षद मनीषा आशीष पुनिया ने “परिवर्तन हुंकार यात्रा” के माध्यम से अपनी राजनीतिक दावेदारी को मजबूती प्रदान की है। 51 बसों में 3100 क्षेत्रवासियों को वृंदावन और गोवर्धन की यात्रा कराई गई, जिसका उद्देश्य न केवल जनता को आध्यात्मिक रूप से जोड़ना था, बल्कि भाजपा के लिए समर्थन जुटाना भी था।
यात्रा का उद्देश्य और संदेश
इस यात्रा का मुख्य संदेश बाबरपुर विधानसभा में परिवर्तन लाने का था। मनीषा आशीष पुनिया ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र के विधायक और दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय अपने कार्यकाल में क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने में विफल रहे हैं। उन्होंने यह भी वादा किया कि यदि भाजपा सत्ता में आती है, तो बाबरपुर विधानसभा से “बाबर” का नाम हटाकर इसे नया नाम दिया जाएगा।
बाबरपुर का नाम बदलने की माँग
1951 से बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र का नाम विदेशी आक्रांता बाबर के नाम पर है, जिसे लेकर भाजपा ने इसे सनातन संस्कृति से जोड़ने का मुद्दा बनाया है। भाजपा नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि क्षेत्र के विकास और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सत्ता परिवर्तन आवश्यक है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का समर्थन
यात्रा में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और उत्तरी दिल्ली के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने भी शिरकत की। उन्होंने मनीषा आशीष पुनिया और उनके पति आशीष पुनिया को इस पहल के लिए बधाई दी और जनता से भाजपा को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह यात्रा केवल धार्मिक महत्व की नहीं है, बल्कि क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
जनता का भरपूर समर्थन
यात्रा में भाग लेने वाले लगभग 3000 लोगों के लिए भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था मनीषा आशीष पुनिया द्वारा की गई। जनता ने इस आयोजन को सफल बनाते हुए उन्हें भरपूर आशीर्वाद दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस यात्रा ने भाजपा के लिए क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है।
राजनीतिक समीकरण और भविष्य की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा ने मनीषा आशीष पुनिया की विधानसभा चुनाव में दावेदारी को मजबूत किया है। साथ ही, भाजपा ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी जड़ें और गहरी करने का प्रयास किया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह यात्रा बाबरपुर विधानसभा में भाजपा की जीत की ओर पहला कदम साबित होती है और क्या मनीषा आशीष पुनिया पार्टी के भीतर मजबूत स्थान बना पाती हैं।
निष्कर्ष
“परिवर्तन हुंकार यात्रा” न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि यह क्षेत्रीय राजनीति में भाजपा की मजबूत मौजूदगी का प्रतीक बन गई है। इस आयोजन के जरिए भाजपा ने यह संदेश दिया है कि वह जनता की आकांक्षाओं के साथ खड़ी है और बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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