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भारत में कोरोना वायरस के मामले 7,500 पार, कुछ छूट के साथ लॉकडाउन बढ़ने की संभावना

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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 7,500 के आंकड़े को पार कर गए और इस महामारी से अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है। वहीं, हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से एक दिन पहले लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने वाला पंजाब दूसरा राज्य हो गया। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शाम के अपडेट के मुताबिक अब तक 6,761 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 206 लोगों की मौत हुई है।

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को और दो हफ्ते के लिए बढ़ाए जाने के संकेतों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 दिनों के लॉकडाउन पर राज्य सरकारों से उनके सुझाव मांगे हैं। लॉकडाउन का आज 17 वां दिन था। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लोगों और सेवाओं की क्या और अधिक श्रेणियों को छूट दिए जाने की जरूरत है, इस बारे में भी सुझाव मांगे गए हैं।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अभी तक भारत में सामुदायिक स्तर पर किसी तरह का संक्रमण नहीं हो रहा है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी देश को क्लस्टर केसेज नाम की श्रेणी में रखा है, यह श्रेणी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण की श्रेणी से नीचे आता है और इस वर्गीकरण का इस्तेमाल यह वैश्विक संस्था करती है।

देर शाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि महामारी रोकने के लिये लगाए गए प्रतिबंधों को जल्दबाजी में हटाने से यह जानलेवा वायरस फिर से अपना कहर बरपा सकता है। पिछले साल दिसंबर में चीन में इस वायरस के पनपने के बाद से अब तक दुनिया भर में 16 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि विश्व में मृतक संख्या 1,00,000 पार कर चुकी है।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की है।
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की दर बृहस्पतिवार को सिर्फ 0.2 फीसदी थी, जबकि 16,000 से अधिक नमूनों की जांच की गई थी। अब तक भारत में 1.5 लाख नमूनों की जांच हुई है।

विभिन्न राज्यों द्वारा दर्ज किए गए एवं वहां से शाम सात बजे तक प्राप्त आंकड़ों को संकलित कर तैयार किए गए पीटीआई के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस वायरस से अब तक 7,510 लोग संक्रमित हुए हैं और कम से कम 251 लोगों की मौत हुई है। जबकि 700 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो गये और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

महाराष्ट्र में 1,574 मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें से करीब 1000 मामले मुंबई से हैं। राज्य में 97 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु और दिल्ली, प्रत्येक में पॉजिटिव मामले 900 के आंकड़े को पार गये हैं। राजस्थान में 500 से अधिक तथा मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश, प्रत्येक में 400 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं।

वहीं, आंध्र प्रदेश और गुजरात भी 400 के आंकड़े के नजदीक तेजी से बढ़ रहे हैं, जबकि केरल 300 के आंकड़े को पार कर गया है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर, प्रत्येक में 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब पहले ही 100 के आंकड़े को पार कर चुके हैं। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में बृहस्पतिवार को 27 मामले सामने आने का जिक्र करते हुए यह आशंका जताई कि उनका राज्य इस महामारी के सामुदायिक प्रसार के चरण में प्रवेश कर सकता है। ओडिशा द्वारा लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने के एक दिन बाद पंजाब ने शुक्रवार को यही कदम उठाया।

हालांकि, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर केंद्र सरकार का फैसला शनिवार को मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बातचीत के बाद आने की उम्मीद है। तमिलनाडु में एक विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को सुझाव दिया है कि संक्रमण के मामले बढ़ने पर विचार करते हुए लॉकडाउन 14 अप्रैल के आगे भी दो हफ्तों के लिये बढ़ाया जाए।

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने की विभिन्न कोशिशों पर दिन में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा एक समीक्षा बैठक की गई, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उत्पादन में तेजी लाने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहे 21 दिनों के लॉकडाउन पर राज्य सरकारों के विचार मांगे हैं। क्या और अधिक लोगों एवं सेवाओं को छूट दिये जाने की आवश्यकता है, इस बारे में भी सुझाव मांगे गये हैं। राज्य सरकारों द्वारा दिये गये सुझावों में ग्रामीण इलाकों में निर्माण संबंधी गतिविधियों को इजाजत देना शामिल है। देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की कमी पड़ने की भी खबरें हैं।

केरल जैसे राज्य ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोलने का सुझाव दिया है। ज्यादातर राज्यों ने सड़क परिवहन, रेल और विमान सेवाएं और अधिक समय के लिये स्थगित रखने का सुझाव दिया है। कई राज्यों ने माल ढुलाई को छोड़कर प्रदेशों की सीमाएं सील रखने का भी अनुरोध किया है। कुछ राज्यों ने सख्त प्रतिबंध के साथ क्षेत्रवार लॉकडाउन का सुझाव दिया है। इस बीच दिल्ली, ओडिशा और तेलंगाना सहित कई राज्यों में घर से बाहर निकलने पर लोगों के लिये मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे 21 दिनों के लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन करवाएं और किसी भी सामाजिक या धार्मिक जलसे एवं जुलूस की अनुमति नहीं दें। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक अप्रैल महीने में आने वाले उत्सवों के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (बंद)का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और किसी भी सामाजिक, धार्मिक जलसे या जुलूस की अनुमति नहीं दें।

सरकारी अधिकारियों ने यह भी बताया कि भारतीय नागरिकों को विदेश से लाने पर फैसला कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के बाद के चरण में लिया जाएगा।

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