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ई-टिकटिंग ऐप ‘चार्टर’ का ट्रायल हुआ पूरा, नवंबर तक सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में होने लगेगा इस्तेमाल

ई-टिकटिंग ऐप ‘चार्टर’ का ट्रायल हुआ पूरा, नवंबर तक सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में होने लगेगा इस्तेमाल

-14 दिनों के दूसरे चरण के ट्रायल के अंतर्गत 60 रुट्स को शामिल किया गया

-“इस ऐप को यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हमने उन सभी गड़बड़ियों को ठीक कर लिया है, जिन्हें हमने पिछले परीक्षणों में देखा था। हम टिकट खरीदने के लिए गैर-स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक प्रणाली विकसित करने के साथ, दैनिक और मासिक पास को शामिल करने की प्रक्रिया में भी हैं। हम नवंबर के पहले सप्ताह तक इस ऐप के अंतर्गत सभी क्लस्टर और डीटीसी बसों को कवर करने की उम्मीद कर रहे हैं। “-कैलाश गहलोत

नयी दिल्ली, 22 सितम्बर 2020

दिल्ली परिवहन विभाग ने अपनी बसों में संपर्क रहित ई-टिकटिंग ऐप ‘चार्टर’ के चरण -2 ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। ऐप का ट्रायल परिवहन मंत्री द्वारा गठित एक विशेष टास्कफोर्स द्वारा कार्यान्वित किया गया जिसमें परिवहन विभाग, इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT-D), दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (DIMTS), दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (WRI) के विशेषज्ञ शामिल थे।

7 से 21 सितंबर तक चलने वाले दूसरे चरण के ट्रायल में दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (DIMTS) के 4 डिपो- दिलशाद गार्डन,कैर डिपो, कुशक नाला डिपो और सुनहरी पुल्ला डिपो के 60 से अधिक मार्गों को कवर किया गया साथ ही साथ दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के 2 डिपो- हसनपुर डिपो और गाजीपुर डिपो से 1 -1 रूट कवर किया गया। इस 14 दिन की अवधि में, ऐप के माध्यम से खरीदे गए कुल 51,644 टिकटों में से 79.4% महिला यात्रियों द्वारा खरीदे गए मुफ्त पिंक टिकट शामिल हैं । ट्रायल के दौरान ऐप के माध्यम से औसतन 6% टिकट खरीदी गई, जबकि एसी बसों में ऐप के माध्यम से 7% टिकट खरीदे गए।

‘चार्टर’ ऐप को आईआईआईटी-दिल्ली के तकनीकी सहायता से विकसित किया गया है। इस ऐप के पहले चरण का ट्रायल रूट नंबर 473 की सभी क्लस्टर बसों में तीन दिनों के लिए किया गया था। ‘चार्टर’ ऐप को नवंबर 2020 के पहले सप्ताह तक सभी क्लस्टर और डीटीसी बसों में लागू किए जाने की संभावना है। गूगल प्लेस्टोर पर यह एप फुल वर्जन में उपलब्ध है। यात्री चाहें तो ऐप URL प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9910096264 पर ”Hi” लिख कर भी भेज सकतें हैं ।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा की “इस ऐप को यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हमने उन सभी गड़बड़ियों को ठीक कर लिया है, जिन्हें हमने पिछले परीक्षणों में देखा था। हम टिकट खरीदने के लिए गैर-स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक प्रणाली विकसित करने के साथ, दैनिक और मासिक पास को शामिल करने की प्रक्रिया में भी हैं। हम नवंबर के पहले सप्ताह तक इस ऐप के अंतर्गत सभी क्लस्टर और डीटीसी बसों को कवर करने की उम्मीद कर रहे हैं।“

यात्री, बस में चढ़ने के बाद इस मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-टिकट ले सकते हैं। यदि कोई उपयोगकर्ता टिकट का किराया जानता है, तो वह ऐप में “BY FARE” पर क्लिक कर सकता है और बस का क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद भुगतान विकल्प के द्वारा भुगतान कर टिकट खरीद सकता है। यदि कोई उपयोगकर्ता रूट , सोर्स और गंतव्य को जानता है, तो वह “BY DESTINATION” पर क्लिक कर सकता है। बस रूट और स्रोत स्टॉप का चयन करने के बाद , गंतव्य स्टॉप का चयन करना पड़ता है , फिर बस क्यूआर कोड को स्कैन कर के भुगतान करने के बाद टिकट प्राप्त किया जा सकता है।

ऐप स्वचालित रूप से उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज किए गए लिंग के आधार पर महिला यात्री के लिए गुलाबी टिकट (निःशुल्क) का सुझाव देता है। ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करता है। इस एप में एक उपयोगकर्ता बस के सभी स्टॉपेज को भी देख सकता है और स्टॉप का नाम लिखकर यह भी देख सकता है की अगले आधे घंटे में कौन-कौन सी बसें आने वालीं हैं । बस में यात्रा के दौरान यात्रा के अपेक्षित समय को रियल टाइम में अपडेट किया जाता है। और जैसे ही यात्री अपने गंतव्य पर पहुंचता है, वैसे ही टिकट अमान्य हो जाता है।

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