5 ट्रिलियन इकोनॉमी वाले देश में पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री अवार्ड्स योद्धाओं के लिए शौर्य राशी में बढ़ाने में वित्त मंत्रालय असमर्थ
5 ट्रिलियन इकोनॉमी वाले देश में पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री अवार्ड्स योद्धाओं के लिए शौर्य राशी में बढ़ाने में वित्त मंत्रालय असमर्थ
कॉनफैडरेसन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा वित्त मंत्रालय के 16 फरवरी 2022 के उस आदेश की घोर भर्तसना की गई जिसमें कोरोना महामारी के नाम पर पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री पदक ( पीएमजी) से नवाजे गए वीर बांकुरों के लिए सम्मानित राशी में इजाफा करने से इंकार कर दिया।
कॉनफैडरेसन महासचिव रणबीर ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए वित मंत्रालय द्वारा जारी आदेश जिसमें पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री को सेना/ वायु, नौसेना व सैना मैडल फॉर गैलेंट्री से कम आंका गया जो कि चिंतनीय विषय है। बहादुर जवानों द्वारा विशेष ऑपरेशनों में भाग लेने वाले महावीरों के शौर्य को तराजू में तौला जाना ठीक नहीं होगा। हम उन अर्धसेनिक बलों के जवानों के शौर्य का जिक्र कर रहे हैं जो आए दिन नक्सल प्रभावित इलाकों, नॉर्थ ईस्ट व वादिए काश्मीर में शहीद हो रहे हैं।
जहां तक प्रेजिडेंट पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री व प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदकों की सम्मान राशि 2017 में क्रमस 3 हजार से 6 हजार व 600 से 1200 की बढ़ा कर डबल कर दी गई जबकि 1923 पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री अवार्ड्स विजेताओं को नजरंदाज कर दिया गया। आपकी जानकारी हेतु पीएमजी पदक से सम्मानित योद्धाओं को मिलने वाली सम्मानित राशी को सन् 2008 में 450 से बढाकर 900 रू व बाद में 2013 में बढा कर 2 हजार कर दिया गया था। अब वित मंत्रालय की ऐसी क्या मजबूरियां रही जो कोरोना महामारी का बहाना व वित्तिय समस्या आड़े आने के नाम पर शौर्य पराक्रम राशी देने में टालमटोल कर रहे हैं।
रणबीर सिंह आगे कहते हैं कि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी को ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले अपने देश में ऐसी क्या मजबूरी रही कि वित मंत्रालय अपने शौर्य पदक विजेताओं के पराक्रमी परिवारों को 5 करोड़ सम्मान राशी देने में आनाकानी व अनभिज्ञता प्रकट कर रहे हैं। कोरोना महामारी से पहले सन् 2017 में उपरोक्त सम्मान राशी को सेना के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के लिए राशी में इजाफा किया गया था। क्या यह संबंधित मंत्रालयों के बाबुओं की भूल के कारण ऐसा हुआ कि पुलिस गैलेंट्री अवार्डी के शौर्य को नजरंदाज कर दिया गया।
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