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भूले-बिसरे मृतकों की आत्मशांति के लिए ‘दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन’ का पुनीत प्रयास

ब्रजघाट में अस्थि विसर्जन एवं मुक्ति यज्ञ का आयोजन,

नई दिल्ली। समाज में सेवा और संस्कारों की भावना को आगे बढ़ाते हुए दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन (रजि), मौजपुर ने इस वर्ष भी अपने वार्षिक “अस्थि विसर्जन व मुक्ति यज्ञ” कार्यक्रम का आयोजन किया। 5 मार्च 2025 को पूर्वी दिल्ली के विभिन्न श्मशान घाटों से 21 भूले-बिसरे मृतकों की अस्थियों को एकत्रित कर विधिपूर्वक पूजन एवं दुग्ध स्नान के उपरांत बृजघाट (गढमुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश) में श्री गंगा जी में प्रवाहित किया गया।

पूजन विधि और सम्मान समारोह
इस पुण्य आयोजन का शुभारंभ श्री हरिहर श्मशान घाट, मौजपुर बाबरपुर में हुआ, जहां पंडित सुरेंद्र अग्निहोत्री जी के निर्देशन में आचार्य पंडित संतोष अवस्थी जी ने मृत आत्माओं की शांति के लिए विधिवत पूजन संपन्न कराया। कार्यक्रम में परम पूज्य महामंडलेश्वर राजेश ओझा जी, संत राजेश्वरानंद जी महाराज एवं सनातन धर्मध्वज अजय जी महाराज ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस अवसर पर संगठन के संस्थापक विजय सक्सेना जी ने कहा कि—

“दशा परिवर्तन समाज सेवा संगठन उन असहाय मृतकों के अंतिम संस्कार व अस्थि विसर्जन की जिम्मेदारी उठाता है, जिनका कोई अपना नहीं होता या जिनकी अस्थियां श्मशान घाटों में वर्षों तक पड़ी रहती हैं। सनातन परंपराओं के अनुसार आत्मा की शांति हेतु विधि-विधान से गंगा जी में अस्थि विसर्जन एवं मुक्ति यज्ञ किया जाता है।”

आस्था और सेवा का संगम
बृजघाट में यह आयोजन विद्वान आचार्यों एवं पंडितों के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। इस दौरान सभी पुरोहितों को वस्त्र, अन्न एवं नकद दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया। शांति यज्ञ और ब्रह्मभोज के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं एवं संतों ने भाग लिया।

सम्मानित अतिथि एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में समाज के प्रतिष्ठित एवं गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए, जिनमें विजय शर्मा (समाजसेवी), रवि सोलंकी (श्मशान घाट महासचिव), अनिल कुमार शर्मा (वरिष्ठ समाजसेवी) सहित संगठन के अध्यक्ष रामकुमार आर्य और अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त मीडिया जगत से जुड़े संदीप (तेज न्यूज), अजय जैन, हरिशंकर शर्मा, ओम प्रकाश प्रजापति, राकेश शर्मा आदि भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

संस्था की अनवरत सेवा यात्रा
संगठन के अनुसार, यह आयोजन 2014 से लगातार जारी है और इस वर्ष आठवीं बार संपन्न हुआ। अब तक संस्था हजारों विस्मृत मृतकों की अस्थियों का विधिवत विसर्जन कर चुकी है।
समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी
हमारा मीडिया हाउस इस पवित्र कार्य की सराहना करता है और समाज में ऐसी सकारात्मक पहल का पूर्ण समर्थन करता है। ऐसे कार्यक्रम न केवल सनातन संस्कृति एवं परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं, बल्कि मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को भी उजागर करते हैं।

“जहां सेवा और संस्कार मिलें, वहीं सच्ची श्रद्धांजलि होती है!”

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