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2020 में कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही जीडीपी की ग्रोथ रेट में तेजी आने लगेगी

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सच है कि देश के हालात मुश्किल हैं, पर जल्द ही बेहतर होने की उम्मीद भी है। दुनिया की दो सबसे बड़ी एजेंसियों ने भारत के लिए ये सुनहरी भविष्यवाणी की है। दोनों #एजेंसियों ने कहा है कि इस साल यानी 2020 में कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही विकास दर, जिसे #जीडीपी की #ग्रोथ_रेट भी कहते हैं, में तेजी आने लगेगी। अगले दो साल में यानी 2022 तक भारत की विकास दर 8.5% से 9.5% तक हो जाएगी। ऐसा कहने वाली एजेंसियों का नाम है फिच और s&p। दोनों ही #अंतरराष्ट्रीय स्तर की sabse बड़ी रेटिंगएजेंसी हैं। फिच और s&p में सिर्फ एक फीसदी का फर्क है। फिच का अनुमान है कि अगले दो साल में भारत की ग्रोथ रेट 9.5% होगी, तो एसएंडपी इसे 8.5% बता रही है। लेकिन रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि रिकवरी की रफ्तार पाने के लिए भारत को वित्तीय सेक्टर और लेबर मार्केट में सुधार पर जोर देना होगा। फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2022 में भारतीय #अर्थव्यवस्था में सुधार का अनुमान जताया है। एजेंसी ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में #कोरोनावायरस महामारी के कारण आई गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से वापसी करेगी। अगले वित्त वर्ष में इसकी ग्रोथ रेट 9.5% रहेगी। हालांकि, तेज ग्रोथ रेट के लिए वित्तीय सेक्टर में सुधार करना होगा। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 5% की कमी आने का अनुमान जताया है। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021 में बड़ी गिरावट के बावजूद भारत में मजबूत रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। इससे वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.5% के करीब रह सकती है। हालांकि, एजेंसी ने कहा है कि कमजोर #वित्तीय_सेक्टर और लेबर मार्केट में सुधार करने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो रिकवरी पर असर पड़ सकता है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 5% कमी का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स ‘बीबीबी-‘ में कोई बदलाव नहीं किया है। एजेंसी ने भारत की विदेशी और स्थानीय मुद्रा पर लंबे समय के रेटिंग्स को ‘बीबीबी-‘ और कम समय के लिए ‘ए-3’ की पुष्टि की है। इसके अलावा एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि लंबे समय की रेटिंग पर भारत का परिदृश्य स्थिर है। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को बयान में कहा कि स्थिर परिदृश्य इस बात को बताता है कि #कोविड_19 महामारी पर लगाम लगने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था सुधरेगी और देश अपनी मजबूत स्थिति को बरकरार रखेगा एसएंडपी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से हाल ही में किए गए उपाय अच्छी नीति के लिए रास्ता तैयार करते हैं। लेकिन कम राजस्व भारत की फिस्कल स्थिति को कमजोर करता रहेगा। एजेंसी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सरकार को राजस्व जुटाने के लिए सख्त कदम उठाने में काफी मुश्किल होगी। ऐसे में वित्त वर्ष 2021 में भारत का फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 11% रह सकता है। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश की जीडीपी की वृद्धि दर 3.1% रही है। हालांकि, पूरे साल के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 4.2% रही। इसी तरह ग्रास वैल्यू एडेड (जीवीए) 3.9% रहा है। केंद्रीय सांख्यिकीय विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7% थी। जबकि 2019 के पूरे साल के दौरान यह वृद्धि दर 6.1% थी। #corona #leaddelhi #covid19 #GDP #india_gdp #increment_in_gdp #government

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