कानून की पढ़ाई कैसे करनी चाहिए
वकालत की पढ़ाई करने के लिए क्लैट परीक्षा देनी होती है. इसमें पास होकर देश की नामी लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया जा सकता है (National Law University). All India Bar Exam: 12वीं के बाद 5 साल का या ग्रेजुएशन के बाद 3 साल का एलएलबी कोर्स करके वकालत में करियर बना सकते हैं.
सामान्य रूप से लॉ की पढ़ाई के लिए आपका 12वीं पास होना आवश्यक है और यह किसी भी विषय में हो सकता है। इसमें 50 परसेंट मार्क्स ही आवश्यक है और ऐसे में आपकी एज 20 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अदालतों में हम देखते हैं कि कानून के अनुसार ही एक पक्ष दूसरे पक्ष को चुनौती देता है और अदालतों में कानून के जानकार इसके भिन्न पक्षों की व्याख्या भी करते हैं। इन्हीं कानून के जानकारों को हम वकील कहते हैं और वकील बनने के लिए आपको लॉ की पढ़ाई करनी पड़ती है। इस पढ़ाई का का प्रथम चरण होता है एलएलबी का, यानी बैचलर आफ लॉ!
वकील बनने के वैसे भी कई दूसरे लाभ हैं, खैर हम आते हैं कि इसकी पढ़ाई किस प्रकार की जा सकती है…
सामान्य रूप से लॉ की पढ़ाई के लिए आपका 12वीं पास होना आवश्यक है और यह किसी भी विषय में हो सकता है। इसमें 50 परसेंट मार्क्स ही आवश्यक है और ऐसे में आपकी एज 20 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके बाद आपको सीएलएटी (CLAT) एग्जामिनेशन देना पड़ता है, जिसे कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट कहा जाता है और यह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा ऑर्गेनाइज किया जाता है। एग्जाम में आपसे लॉजिकल रीजनिंग, लीगल, एटीट्यूड, गणित, अंग्रेजी और जनरल क्वेश्चन पूछे जाते हैं। इसके बाद 5 साल के कोर्स में आप एडमिशन ले सकते हैं। सामान्यतः पांच साल के इन्टीग्रेटेड कोर्स के एंट्रेंस हेतु 200 अंकों के क्वेश्चन पेपर के लिए डेढ़ घंटे का टाइम दिया जाता है। इसमें इंग्लिश के 30 अंक, सामान्य ज्ञान के 50 अंक, लीगल एप्टीट्यूड के 20 अंक, लीगल रीजनिंग के 20 अंक होते हैं एवं 30 अंकों का एक एस्से भी लिखना होता है।
लॉ करने के बाद आपको इंटर्नशिप का कोर्स करना होता है और इस दौरान आपको काफी कुछ ट्रेनिंग मिलती है। इंटर्नशिप के बाद आपको किसी भी राज्य के स्टेट बार काउंसिल में इनरोलमेंट के लिए अप्लाई करना होता है और उसके बाद ऑल इंडिया बार कौंसिल का एग्जामिनेशन क्लियर करने के बाद आपको प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट मिल जाता है और इसके बाद आप वकील बन जाते हैं।
हालाँकि, ग्रेजुएशन के बाद भी आप लॉ की पढ़ाई कर सकते हैं और तब यह मात्र 3 साल का होता है। ग्रेजुएशन में भी आपको साधारणतया 50 परसेंट मार्क्स लाना होता है। वैसे एससी/ एसटी कटगरी स्टूडेंट्स के लिए इसमें छूट भी होती है।
लॉ की केटेगरी देखें तो मुख्यतः कॉर्पोरेट लॉ, क्रिमिनल लॉ, पेटेंट, एटर्नी, फैमिली लॉ, साइबर लॉ और बैंकिंग ला के रूप को गिनाया जा सकता है और किसी भी विषय में बाद में आप खुद को स्पेशलाइज कर सकते हैं। जैसा कि नाम के साथ ही स्पष्ट है कि पर्टिकुलर फील्ड में आप सम्बंधित क्षेत्र की विशेषज्ञता की हद तक जानकारी लेंगे।
खास बात यह भी है कि एलएलबी के बाद एलएलएम और पीएचडी जैसी विशेषज्ञता भी आप हासिल कर सकते हैं और बाद के दिनों में आप न्यायपालिका की परीक्षा देकर जज बनने की भी कोशिश कर सकते हैं।
लॉ करने के लिए देश भर के कुछ अच्छे कॉलेजों की बात करें तो नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इण्डिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु, नलसार (NALSAR) यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद, नेशनल लॉ इन्स्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल, द वेस्ट बेंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्युरीडिकल साइंस, कोलकाता, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर, हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद, डॉ. राममनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ, राजीव गाँधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लागल स्टडीज, कोच्चि का नाम मुख्य रूप से गिनाया जा सकता है।
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