डिजिटल पेमेंट में भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, अमेरिका-चीन से निकला आगे
नई दिल्ली: भारत यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट करने के मामले में चीन और अमेरिका से आगे निकल गया है. साथ ही इंडियन UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म ने चीन के Alipay और अमेरिका के PayPal को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड कायम किया है.
दरअसल, भारत में यूपीआई के जरिए इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 81 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है. यह डिजिटल पेमेंट के जरिए दुनिया में किया गया दुनिया में सबसे ज्यादा लेन-देन है. इतना ही नहीं पिछले साल के मुकाबले यूपीआई पेमेंट करने के मामले में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
58 प्रतिशत बढ़ा UPI ट्राजैक्शन
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने ग्लोबल पेमेंट हब पेसिक्योर की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हर एक सेकेंड 3,729.1 ट्रांजैक्शन हुए हैं, जबकि यह आंकड़ा साल 2022 पहले तक 2,348 प्रति सेकेंड हुआ करता था. इस तरह यूपीआई पेमेंट में लगभग 58 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
पेसिक्योर के डेटा के अनुसार इस साल जुलाई में यूपीआई से किए गए पेमेंट का आंकड़ा 20.6 लाख करोड़ था, जो एक महीने में किए गए लेन-देन के मामले में सबसे ज्यादा था. इसके अलावा यूपीआई ट्रांजैक्शन ने लगातार तीन महीने 20 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया.
40 फीसदी डिजिटल पेमेंट
रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल लेनदेन में भारत दुनियाभर में सबसे आगे हैं. यहां 40 फीसदी से ज्यादा डिजीटल पेमेंट होते हैं. इनमें से भी सबसे ज्यादा पेमेंट UPI के जरिए किए जा रहे हैं .
100 बिलियन पहुंचेगा आंकड़ा
इस संबंध में नेशनल पेमेंट कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के CEO दिलीप असबे का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन अगले 10 साल में 100 बिलियन के आंकड़ो को पार कर जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मलेशिया जैसे देशों में भी भारत ने यूपीआई पेमेंट शुरू किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार कई क्षेत्रों से प्राप्त उत्साहजनक प्रतिक्रिया के आधार पर, रिजर्व बैंक अब “यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक” बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
हाल ही में मुंबई में आयोजित ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ में उन्होंने कहा कि विदेशी क्षेत्रों में यूपीआई जैसे बुनियादी ढांचे की तैनाती, अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक स्थानों पर यूपीआई ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड-बेस्ड पेमेंट एक्सेर्टेंट की फैसिलिटी प्रदान करना और क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस के लिए यूपीआई को अन्य देशों के फास्ट पेमेंट सिस्टम के साथ जोड़ना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.