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कश्मीरी गेट मेट्रो: प्रशासन की नाक के नीचे अवैध पार्किंग और वसूली का धंधा!

दिल्ली का कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन (गेट नंबर-2) एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र है, जहां हर दिन हजारों यात्री आते-जाते हैं। लेकिन अब यह स्टेशन एक बड़े घोटाले का अड्डा बन चुका है! यहां अवैध पार्किंग माफिया खुलेआम लूट-खसोट कर रहे हैं, और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।

कोई वैध पार्किंग नहीं, लेकिन माफिया की मनमानी जारी! सरकार की ओर से इस स्थान पर किसी भी तरह की आधिकारिक पार्किंग स्वीकृत नहीं की गई है। फिर भी, एक पूरा गिरोह इस इलाके में सक्रिय है जो खुलेआम गाड़ियों से अवैध वसूली कर रहा है।

बसों से 1000 से 3000 रुपये तक वसूली! स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बस चालकों से जबरन 1000 से 3000 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है। यह रकम आखिर कहां जा रही है? क्या पुलिस और प्रशासन इस खेल में शामिल हैं?

MCD की पर्ची 320 रुपये, लेकिन वसूली 3000 रुपये!

इस पूरे अवैध धंधे में MCD की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है। MCD द्वारा जारी आधिकारिक पर्ची मात्र 320 रुपये की होती है, लेकिन असल में बस चालकों से 3000 रुपये तक जबरन वसूले जा रहे हैं। सवाल यह है कि इस अतिरिक्त रकम का हिसाब कौन देगा?

दिन-रात लूट जारी, लेकिन पुलिस को कुछ नहीं दिखता! यह गोरखधंधा सिर्फ दिन में ही नहीं, बल्कि रात के अंधेरे में भी खूब फल-फूल रहा है। 1. दिन में: लोडर टेंपो और अन्य छोटे वाहन चालकों से अवैध वसूली होती है। 2. रात में: बस ऑपरेटर्स से मनमाने पैसे लिए जाते हैं। 3. यदि कोई यात्री ऑनलाइन टिकट बुक कर बस में बैठने आए, तो भी उसे 100-200 रुपये तक वसूले जाते हैं! क्या अवैध पार्किंग का पैसा ‘गंदे कामों’ में भी जा रहा है? स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध पार्किंग में केवल जबरन वसूली ही नहीं हो रही, बल्कि कुछ अनैतिक गतिविधियां भी चल रही हैं। इसका मतलब यह है कि यह जगह अब सिर्फ पार्किंग ठगी का नहीं, बल्कि अपराधों का अड्डा बन चुकी है।

बड़े सवाल, जिनका जवाब चाहिए! 1. जब यहां कोई वैध पार्किंग नहीं, तो अवैध वसूली क्यों और किसके इशारे पर हो रही है? 2. दिल्ली पुलिस को यह सब क्यों नहीं दिख रहा? क्या पुलिस भी इस खेल में शामिल है? 3. MCD की चुप्पी का मतलब क्या है? क्या भ्रष्ट अधिकारियों को भी इस अवैध कमाई में हिस्सा मिल रहा है? 4. क्या दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग इस पूरे मामले से अनजान हैं, या फिर जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं?

अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस मामले को लेकर स्थानीय नागरिकों और पीड़ित बस चालकों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सवाल यह है कि क्या पुलिस, MCD, और स्थानीय प्रशासन जानबूझकर इस मुद्दे को दबा रहे हैं?

दिल्ली सरकार और MCD को जागना होगा! अब वक्त आ गया है कि दिल्ली सरकार, पुलिस, और संबंधित विभाग इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच करें और अवैध पार्किंग माफिया पर कड़ी कार्रवाई करें। अन्यथा, जनता का सरकार और प्रशासन से विश्वास उठ जाएगा!

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