फ्रेंचाइज़ और MLM के नाम पर निवेश ठगी का बड़ा मामला, आठ केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग
“FunTasteTic” ब्रांड की योजनाओं पर उठे सवाल, कंपनी को अपनी पारदर्शिता सिद्ध करने का खुला अवसर
नई दिल्ली (विशेष संवाददाता):
राजधानी दिल्ली में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के एक संभावित बड़े मामले की शिकायत विभिन्न सरकारी और नियामक एजेंसियों तक पहुंचाई गई है। यह मामला M/s Duvera Retails Pvt. Ltd. नामक एक निजी कंपनी से जुड़ा है, जो FunTasteTic Café, FunTasteTic Cart, और Wellness Café जैसे ब्रांडों के माध्यम से आम लोगों को फ्रेंचाइज़ी और रेफरल नेटवर्क के नाम पर निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है।
कंपनी की योजनाओं में ₹60,000 से ₹36.75 लाख तक का निवेश लेकर 30 से 50 महीनों तक ₹35,000 से ₹1,10,000 प्रति माह तक की निश्चित आय देने का दावा किया गया है। इसके साथ ही कंपनी बाइनरी MLM मॉडल के ज़रिए लोगों से रेफरल जोड़ने को कहती है, जिससे और अधिक निवेश आता है।
“पहले धोखा खा चुकी हूं, अब आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकती”
शिकायत करने वाले जागरूक नागरिक का कहना है कि उन्हें खुद कई बार इस स्कीम में शामिल होने का प्रस्ताव मिला। पहले तो उन्हें बताया गया कि कंपनी बिल्कुल वैध है और बहुत अच्छे मुनाफे दे रही है। लेकिन जब उन्होंने इसकी कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया, तो कई बिंदु संदिग्ध लगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि:
“मैं पहले भी एक फर्जी निवेश योजना की चपेट में आ चुकी हूं और वहां मुझे भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसीलिए मैंने इस बार आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया और पहले ही सभी संबंधित सरकारी संस्थाओं को इसकी सूचना देने का फैसला लिया।”
किन विभागों को दी गई है शिकायत:
- आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing)
- अतिरिक्त आयुक्त, व्यापार एवं कर विभाग
- निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA)
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO)
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
- उपभोक्ता मामलों का विभाग (DoCA)
- कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA)
नकली वैधता और चमक-धमक से बना भ्रम का आवरण
यह भी बताया गया है कि कंपनी FSSAI, GST, MSME सर्टिफिकेट्स और सेलिब्रिटी इवेंट्स का इस्तेमाल करके एक वैध और भरोसेमंद ब्रांड का छवि बनाती है। लेकिन डिजिटल माध्यमों पर इसका प्रचार अत्यधिक लुभावना और भ्रामक है।
कई योजनाओं में “100% Secure”, “Guaranteed Return”, “देशभर में सबसे तेज़ कमाई” जैसे जुमलों का उपयोग किया गया है, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर या कम पढ़े-लिखे निवेशकों को आकर्षित करते हैं।
इस बार की गई शिकायत का मकसद — खुद को भी और कंपनी को भी कसौटी पर लाना
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य कंपनी को बदनाम करना नहीं, बल्कि उसे अपनी पारदर्शिता साबित करने का अवसर देना है।
उनका कहना है:
“अगर यह कंपनी सच में वैध है, तो मैं खुद और अपने परिवार के करीबी लोग इस कंपनी में एक बड़ा निवेश करने को तैयार हैं। लेकिन यदि इसमें कोई गड़बड़ी है, तो समय रहते कार्रवाई होनी चाहिए। मैंने यह शिकायत जनहित में की है, ताकि कोई और व्यक्ति उसी तरह के नुकसान का शिकार न हो जैसा मैं पहले भुगत चुकी हूं।”
बीते वर्षों में कई ऐसे स्कैम सामने आ चुके हैं
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत में इस तरह की MLM और निवेश आधारित योजनाएं पहले भी बड़े स्कैम का कारण बन चुकी हैं।
SpeakAsia (2011)
QNet MLM Scam (2013)
Bike Bot Scam (2019)
Saradha और Rose Valley जैसे चिटफंड घोटाले — इन सबमें लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई डूब गई।
हर बार कंपनियाँ शुरुआत में कानूनी प्रतीत होती हैं, प्रचार में सेलिब्रिटी चेहरों का इस्तेमाल करती हैं और फिर अचानक या तो डूब जाती हैं या संस्थापक फरार हो जाते हैं।
कंपनी को खुला निमंत्रण — आगे आए और अपना पक्ष रखे
इस शिकायत में यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि कंपनी ईमानदारी से कार्य कर रही है, तो उसे खुलकर सामने आना चाहिए और सभी निवेशकों को पारदर्शी ढंग से यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसका व्यवसाय मॉडल वैध है।
“यह शिकायत एक मौका है — कंपनी के लिए भी और समाज के लिए भी — कि सच्चाई सामने आए। यदि वे ईमानदार हैं, तो किसी जांच से डरने की आवश्यकता नहीं। लेकिन अगर झांसा है, तो लोगों को जागरूक करना जरूरी है।”
निष्कर्ष: चेतना, सतर्कता और सार्वजनिक ज़िम्मेदारी का संगम
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि जब आम नागरिक सजग और सतर्क होता है, तो वह न केवल स्वयं को ठगी से बचाता है, बल्कि समाज में एक चेतावनी संदेश भी देता है।
अब यह संबंधित संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे समयबद्ध और निष्पक्ष जांच करते हुए स्थिति को स्पष्ट करें — ताकि यदि कंपनी वैध है तो उसे विश्वास मिल सके, और यदि धोखाधड़ी है, तो समय रहते उससे होने वाले नुक़सान को रोका जा सके।
यह लेख एक सतर्क नागरिक द्वारा की गई गंभीर शिकायत और उससे जुड़े तथ्यों पर आधारित है। अगली रिपोर्ट में हम जांच एजेंसियों की प्रतिक्रियाओं और कंपनी के पक्ष की जानकारी के साथ इस प्रकरण का फॉलोअप प्रस्तुत करेंगे।
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