एडवोकेट्स एक्ट में जल्द होगा संशोधन: जनरल काउंसिल मीट में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल की घोषणा
कानून और न्याय मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि एडवोकेट्स एक्ट, 1961 में जल्द संशोधन किया जाएगा, जिससे जनरल काउंसिल्स (GCs) को लाभ हो सकता है। जनरल काउंसिल्स एसोसिएशन इंडिया (GCAI) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने यह जानकारी दी और कॉर्पोरेट जगत में GCs की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
जनरल काउंसिल्स को मिलेगा कानूनी दर्जा?
इस सम्मेलन का विषय “रीथिंक, रिडिफाइन और री-इवॉल्व: भारत में कानूनी पेशे का पुनरावलोकन” था। इसका मुख्य उद्देश्य GCs के कानूनी दर्जे को मान्यता दिलाने की संभावनाओं पर विचार करना था। वर्तमान में, 1961 के कानून के तहत केवल प्रैक्टिसिंग एडवोकेट्स को ही कानूनी मान्यता प्राप्त है, जबकि GCs, जो कंपनियों और संस्थानों के मुख्य कानूनी अधिकारी होते हैं, को यह दर्जा प्राप्त नहीं है।
GCs ने रखा अपना पक्ष, मेघवाल ने दिया आश्वासन
सम्मेलन के दौरान एक इंटरएक्टिव सत्र में, GCs ने अपने पेशे का SWOT (स्ट्रेंथ, वीकनेस, ऑपर्च्युनिटी, थ्रेट) विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कानूनी मान्यता की कमी को अपनी सबसे बड़ी कमजोरी बताया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मेघवाल ने कहा,“आपके पास कई ताकतें हैं, एक कमजोरी है, और कई अवसर मौजूद हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि GCs देश की GDP में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और उनके कार्यक्षेत्र को औपचारिक मान्यता देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
सीनियर अधिवक्ताओं और पूर्व न्यायाधीशों ने किया समर्थन
सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स (SILF) के अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन ने GCs को सलाह दी कि वे अपनी मान्यता के लिए रिट याचिका दायर कर सकते हैं, हालांकि उन्होंने पहले प्रशासनिक प्रक्रियाओं का प्रयास करने की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति सीकरी, जो वर्तमान में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDSA) के चेयरपर्सन हैं, ने कहा कि भारत में मुक्त बाजार व्यवस्था के आने के बाद से GCs की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि डिजिटल युग और जनरेटिव एआई जैसी नई तकनीकों के कारण कानूनी परिदृश्य बदल रहा है और GCs इस परिवर्तन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
सम्मेलन में शामिल अन्य प्रमुख हस्तियां
इस कार्यक्रम में कई अन्य प्रतिष्ठित विधि विशेषज्ञों ने भी भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद,
- शार्दुल श्रॉफ, शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष,
- अमित सिंह, लिंकलेटर्स के पार्टनर और हेड,
- हर्ष पैस, एओ शियरमैन (लंदन) के पार्टनर।
सभी विशेषज्ञों ने GCs को कानूनी मान्यता दिए जाने के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की।
निष्कर्ष
इस सम्मेलन से यह स्पष्ट हो गया कि सरकार जनरल काउंसिल्स को कानूनी मान्यता देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मंत्री मेघवाल का यह आश्वासन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे भारत में कॉर्पोरेट कानूनी पेशे में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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