कोहिनूर फॉर्म में पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण पर NGT सख्त, DDA और वन विभाग को भेजा नोटिस
एनजीटी ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लिया, 29 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली।
राजधानी के कोहिनूर फॉर्म इलाके में पेड़ों की अवैध कटाई और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की जमीन पर जबरन कब्जा कर बिल्डिंग खड़ी करने के मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सख्त रुख अपनाया है। पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सचिन ठाकुर द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने दिल्ली के वन विभाग और डीडीए को नोटिस जारी किया है।
याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि बिल्डर ने नियमों को ताक पर रखते हुए न सिर्फ दर्जनों पेड़ों को काट डाला, बल्कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्माण भी कर डाला। यह संपूर्ण कार्य पर्यावरण संरक्षण कानूनों का खुला उल्लंघन है।
एनजीटी ने 23 मई 2025 को मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट आदेश दिया कि दोनों विभाग — दिल्ली वन विभाग और डीडीए — 29 अगस्त 2025 से कम से कम एक सप्ताह पहले तक इस मामले में अपना जवाब शपथपत्र के रूप में दाखिल करें। यदि कोई विभाग सीधे जवाब भेजता है तो संबंधित अधिकारी को वर्चुअल उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
ट्रिब्यूनल ने कहा है कि यदि विभाग तय समय सीमा में जवाब दाखिल नहीं करते या पेश नहीं होते हैं, तो मामले का निर्णय उनकी अनुपस्थिति में भी लिया जा सकता है।
सचिन ठाकुर, जिन्होंने यह याचिका दाखिल की है, का कहना है कि “कोहिनूर फॉर्म में पर्यावरणीय विनाश की यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के हक पर भी हमला है। मैं चाहता हूं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।”
अब यह मामला अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त 2025 को एनजीटी के समक्ष सूचीबद्ध है। पर्यावरण संरक्षण और सरकारी जमीन की सुरक्षा को लेकर यह एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन चुका है।
रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
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