2024 के चुनाव में शायद राहुल गांधी न करें कांग्रेस का नेतृत्व, पत्र लिखने वालों में से एक नेता ने कहा
कांग्रेस नेताओं की ओर से अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखने के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल एक नेता ने एनडीटीवी से कहा कि लगातार दो आम चुनावों में हार के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए सबसे उपयुक्त शख्स नहीं हैं. हाल के महीनों में राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग तेजी से उठ रही है. कई कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रहे हैं.
नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कांग्रेस नेता ने कहा, “हम यह कहने की स्थिति में नहीं हैं कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व कर पाएंगे और 2024 में 400 सीटें हासिल करने में हमारी मदद करेंगे. हमें इस बात का एहसास होना चाहिए कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को जरूरत की मुताबिक सीटें नहीं मिल पाई हैं.” बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था.
पिछले दिनों 23 नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस नेता ने कहा, ‘नागपुर से लेकर शिमला तक (देश के आधे उत्तरी हिस्से) में पार्टी के 16 सांसद हैं, जिनमें से भी 8 अकेले पंजाब से हैं. हमें मान लेना चाहिए कि हम भारत में हैं और वास्तविकता कुछ और है. अगर कोई बैठक होती है तो मैं इस मुद्दे पर अपने विचार जरूर रखूंगा.’
यह लड़ाई व्यक्तियों को लेकर नहीं बल्कि मुद्दों को लेकर है यह कहते हुए उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इससे संवैधानिक मूल्यों पर आधारित वैकल्पिक व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी, जो कि कांग्रेस के लिए मददगार होगी.
उनके अनुसार, पत्र लिखने वालों में से ज्यादातर का कहना है कि वो लंबे वक्त से राजनीति में हैं और वो पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं और सोनिया गांधी के लिए सबसे ज्यादा सम्मान रखते हैं. वो कहते हैं कि जो मुद्दे उठाए गए, वो पार्टी को मजबूत बनाए रखने में और बीजेपी का मुकाबला करने में भी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी निष्पक्ष रूप से बात रखती है और वह जरूर इन मुद्दों पर गौर करेंगी.
पत्र लिखने वाले नेताओं ने कहा कि वे मुलाकात करते रहेंगे और अपनी चिंताओं पर चर्चा करना जारी रखेंगे. साथ ही “वफादरों और चाटुकारों” द्वारा अपने ऊपर हमले होने के बावजूद अपने मुद्दे उठाते रहेंगे
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