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लंबे समय के लिए तैयार कर लें गर्म कपड़े, ठंड को लेकर आई है ऐसी भविष्यवाणी

देश में सर्दी का मौसम चार महीने का होता है. उत्तर भारत में सर्दी का असर अक्टूबर से जनवरी तक रहता है. लेकिन कड़ाके की ठंड दिसंबर और जनवरी महीने में पड़ती है. अधिकतर लोग इन्हीं दो महीने को सर्दी मानते हैं.

स्वेटर, जैकिट, मफरल-शाल… इन सभी को लंबे समय के लिए तैयार कर लीजिए. क्योंकि इस बार सर्दी कड़ाके की और काफी लंबी होने वाली है. मौसम विशेषज्ञों ने ला नीना को समय से पहले सक्रिय होने की संभावना जताई है. इसके सक्रिय होते ही हवाओं में नमी पैदा होगी जिससे ठंड बढ़ने लगेगी. आईएमडी के मुताबिक, मानसून फिर से सक्रिय होने की वजह से बारिश का सिलसिला अक्टूबर तक जारी रहेगा. इसकी वजह से भी सर्दी के चक्र पर असर पड़ेगा.

बीते कई दिनों से लगातार मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. जुलाई के अंत और अगस्त की शुरुआत में उमस भरी गर्मी ने सितम ढा दिया था. उसके बाद मानसूनी बारिश ने बड़ी राहत दी. इस बीच देश के कई हिस्से पानी में डूब गए तो कई इलाकों को सूखे की मार झेलनी पड़ी. जम्मू कश्मीर में तो गर्मी का असर मानसूनी सीजन में जारी रहा. इधर, बीते दो दिन से लोग उमस भरी गर्मी से परेशान थे. लेकिन एक बार फिर से मानसून एक्टिव होने से पलभर में मौसम ठंडा हो गया.

क्या है ला नीना?

ला नीना एक प्रतिसागरीय धारा है, यह एक प्रशांत महासागर में होने वाला मौसमी पैटर्न है. इसके सक्रिय होने से समुद्र का पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है और हवाओं में नमी पैदा होती है, जिससे यह ठंडी होकर बहने लगती हैं. यही हवाएं सर्दी बढ़ा देती हैं. मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक, ला नीना एक स्पेनिश शब्द है और इसका अर्थ छोटी लड़की है. इसे ‘एक शीत घटना’ भी कहा जाता है. जब पूर्वी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में जल का तापमान सामान्य की तुलना में कम हो जाता है तो ला नीना की घटना देखी जाती है. इसके असर से बाढ़, सूखा, हल्की-भारी बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाएं होती हैं.

बारिश बढ़ाएगी सर्दी

मौसम विभाग ने समय से पहले ला नीना की सक्रियता पर सर्दी लंबे समय तक पड़ने की आशंका जताई है. मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि सितंबर की शुरुआत होते ही मानसून कमजोर होने लगता है और आधा माह बीतते ही इसकी वापसी होने लगती है. लेकिन बुधवार को हुई बारिश के साथ ही मानसून एक बार फिर से एक्टिव हो गया है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मानसून के सक्रिय होने से बारिश का सिलसिला अक्टूबर माह तक चलेगा. बारिश होने से भी जल्द सर्दी बढ़ेगी.

गर्मी ने तोड़ दिए थे रिकॉर्ड, जमकर बरसे मेघ

इस साल गर्मी का असर भी काफी रहा था. तापमान बढ़ने से लोगों को भीषण गर्मीं और हीट वेव का सामना करना पड़ा. मई और जून में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. लू के प्रकोप से कई लोगों अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वहीं मानसून के आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली थी. यही बारिश बाद में गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में आफत बन गई. अगस्त के पूरे महीने में जमकर बारिश हुई. सितंबर की शुरुआत होते ही एक बार फिर से मानसून एक्टिव हो गया है और जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने अगले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है.

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