मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर मे सफलतापूर्वक उतरा रोवर
मंगल पर पांचवा रोवर भेजने वाला अमेरिका पहला देश बना, रोवर में ईंधन के लिए डाला गया है प्लूटोनियम।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया है उन्होंने ट्वीट किया, “आज एक बार फिर साबित हुआ कि विज्ञान और अमेरिकी प्रतिभा की शक्ति के साथ, कुछ भी संभावना के दायरे से परे नहीं है”
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने कहा कि मंगल ग्रह पर जीवन का पता लगाने के अभियान के लिए पर्सविरन्स रोवर ग्रह की सतह पर 18 फरवरी 2021 को उतर गया था। इस रोवर को मंगल ग्रह पर भेजने का मकसद है प्राचीन जीवन का पता लगाना मिट्टी और पत्थरों का सैंपल लेकर धरती पर वापस आना।
नासा ने पहले ही कहा था कि ये अब तक की सबसे सटीक लैंडिंग होगी ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर (Jezero Crater) में पहले नदी बहती थी, जो कि एक झील में जाकर मिलती थी. इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया हो सकता है कि वहां पर जीवन के संकेत मिलें। नासा के वैज्ञानिकों के लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता की बात थी मंगल ग्रह के वायुमंडल में पर्सिवरेंस रोवर की एंट्री कैसे होगी, उसका डिसेंट और लैंडिंग. इन सारे कामों में करीब 7 मिनट का समय लगा।
नासा ने जजीरो क्रेटर को ही रोवर का टचडाउन जॉन बनाया था, रोबोट ने यही लैंड किया था अब यह यहीं से सेटेलाइट कैमरे के जरिए पूरी जानकारी जुटाएगा और फिर इसे नासा को भेजेगा, यह मिशन अब तक का सबसे एडवांस रोबोटिक एक्सप्लोरर है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक जजीरो क्रेटर मंगल ग्रह का वह सतह है, जहां कभी विशाल झील हुआ करती थी यानी यहां पानी होने की जानकारी पुख्ता तौर पर मिल चुकी है वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर मंगल ग्रह पर कभी जीवन था तो उसके संकेत यहां मिल सकेगा।
रिपोर्ट- ज्योति कुमारी
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