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राज्य सरकार ने चमोली से लापता 136 लोगों को मृत घोषित किया ,हादसे में मरने वालों की 206 संख्या हुई

136 लोग उत्तराखंड के चमोली के हादसे के बाद लापता है |सभी लापता लोगो को राज्य सरकार ने मृत घोषित कर दिया है |मंगलवार को इसके लिए आदेश जारी किया | लापता लोगो को मृत मान लिए जाने के बाद सरकार की तरफ से आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 206 हो गई है।

आपदा के 17वें दिन मंगलवार तक 70 लोगों के शव और 29 मानव अंग मिल चुके हैं।चमोली और उसके आस पास के इलाकों में राज्य सरकार के अनुसार लगातार तलाश जारी है | बड़ी संख्या में लोगों के शव बरामद हुए हैं, जबकि कुछ लोगों को सुरक्षित भी निकाला गया। और अभी तक जिन जिन लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, उन्हें अब मृत घोषित कर दिया गया है।

वही रौणी गाँव के पास चमोली में ऋषि गंगा नदी के ऊपर ग्लेशियर टूटने से बनी आर्टिफिशियल झील से अभी भी बड़ा खतरा बना हुआ है। उस का मुंह छोटा होने की वजह से पानी का बहाव काफी धीमी गति से हो रहा था, झील के मुंह को आईटीबीपी के जवानों ने 15फीट चौड़ा कर दिया है | जमा हुए पानी के चलते दबाव बनने लगा था |नवनीत भुल्लर राज्य आपदा रिस्पॉन्स टीम (SDRF) के कमांडेंट का कहना है कि अभी झील के मुंह को और चौड़ा करने का काम चल रहा है।इंडियन नेवी, एयरफोर्स और एक्सपर्ट की टीम ने ऋषि गंगा के ऊपर ग्लेशियर टूटने से बनी आर्टिफिशियल झील का मुआयना भी किया | डाइवर्स ने झील की गहराई मापी है,जिसमें करीब 4.80 करोड़ लीटर पानी होने का अनुमान है।
झील करीब 750 मीटर लंबी है और आगे बढ़कर संकरी हो गई है। इसकी गहराई आठ मीटर है। झील की गहराई मापने के लिए नेवी के डाइवर्स ने हाथ में इको साउंडर लेकर मापा |
ये झील अगर टूटती है तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये झील केदारनाथ के चौराबाड़ी जैसी है। 2013 में केदारनाथ के ऊपरी हिस्से में 250 मीटर लंबी, 150 मीटर चौड़ी और करीब 20 मीटर गहरी झील के टूटने से आपदा आ गई थी। इस झील से प्रति सेकंड करीब 17 हजार लीटर पानी निकला था।
हलचल पर नजर रखने के लिए इस झील में विशेषज्ञों की टीम लगाई गई है| ऋषिगंगा नदी में सेंसर भी लगाया गया है,जिससे नदी का जलस्तर बढ़ते ही अलार्म बज जाएगा। कम्युनिकेशन के लिए यहां SDRF ने एक डिवाइस भी लगाई है।

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