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कोरोनाबन्दी खत्म करने की तैयारी! हो सकते हैं ये चार बदलाव, असमंजस में उद्योग जगत और कर्मचारी

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केंद्र सरकार ने भले ही कोरोना महामारी के बीच चुनिंदा उद्योगों के लिए सशर्त लॉकडाउन खोलने की तैयारी कर रही हो, लेकिन उद्योग जगत और कर्मचारी संगठन इस बारे में एकराय नहीं हैं। उद्योग जगत को जहां लगता है कि इस दिशा में जरूरी दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा वहीं मजदूर संगठनों को लगता है कि कर्मचारियों की वापसी मौजूदा माहौल में मुश्किल रहेगी। बता दें देशभर में जारी कोरोना कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशव्यापी लॉकडाउन के 21वें दिन यानी आज मंगलवार सुबह दस बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि व दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान कर सकते हैं। मगर इसके स्वरूप में बदलाव के आसार हैं।

असमंजस में उद्योग और कर्मचारी

उद्योग जगत के सुझाव पर अमल करते हुए वाणिज्य मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से कई क्षेत्रों में कामकाज शुरू करने की सिफारिश की है लेकिन अभी भी इन तमाम क्षेत्रों में कामकाज को लेकर कोरोना महामारी के बीच नई तरह की चुनौतियां बरकरार हैं। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि मजदूरों के मन से डर को निकालने के लिए अब जरूरी है कि कामकाज की शुरुआत की जाए। उन्होंने ये भी कहा कि कामकाज की शुरुआत की बड़ी जिम्मेदारी राज्यों के ऊपर आती है। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा कि अभी मजदूरों के लिए उनका जीवन ही प्राथमिकता है। ऐसे में कंपनियों के लिए कामगारों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती रहने वाली है।

जॉब्स कंसल्टेंसिंग फर्म ग्लोबल हंट के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील गोयल ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि ये वैश्विक स्तर की महामारी है। ऐसे में इससे उबरने में समय लगेगा। आने वाले दिनों में आशंका है कि देश में मांग घटने से कहीं डीफ्लेशन न शुरू हो जाए। ऐसे में मांग को नए सिरे से पैदा करना कारोबारियों के लिए बड़ी चुनौती होगी।

होंगे ये चार बदलाव
अधिकारियों के कम करने के तरीके बदलेंगे : उद्योग जगत के सीईओ का कहना है कि लॉकडाउन के बाद सीईओ और कंपनी मैनेजमेंट के काम करने में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई और कर्मचारियों को विश्वास में लेकर काम शुरू करना बड़ी चुनौती होगी। यह काम करने के तरीके में बदलाव लाएगा।

पारंपरिक उद्योगों को तकनीक अपनाने पर मजबूर करेगा: कोरोना संकट से निकलने के बाद पारंपरिक उद्योगों को भी नई तकनीक अपनाने की मजबूरी होगी। यह उस कंपनी के काम करने के तरीके में बदलाव लाने का काम करेगा। कंपनियों में लचीली कार्य संस्कृति का बोलबाला बढ़ेगा।

सप्लाई चेन में बड़ा बदलाव होगा: कोरोना महामारी पूरी दुनिया को सप्लाई चेन में बदलाव लाने पर मजबूर करेगी। चीन में सप्लाई चेन बंद होने से पूरी दुनिया की कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसको देखते हुए कंपनियां चीन पर से अपनी निर्भरता खत्म करेंगी और अपने ही देश में उत्पादन बढ़ाने का काम करेंगी।

वर्क फ्रॉम होम की राह खुली: कोरोना महामारी की वजह से वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ा है। कोरोना संकट के बीच कामकाज के इस नए तरीके से कतरा रही कंपनियां अब संभावनाएं तलाशने लगी हैं।

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