शास्त्री पार्क क्षेत्र में ट्रैफिक अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही: एक गंभीर समस्या
दिल्ली के उत्तरी पूर्वी जिले का शास्त्री पार्क क्षेत्र लंबे समय से ट्रैफिक अव्यवस्था, अवैध पार्किंग और पुलिस प्रशासन की दोहरी नीति का शिकार बना हुआ है। खासकर खजूरी से पुस्ता रोड होते हुए शास्त्री पार्क रेड लाइट फ्लाईओवर के नीचे से शास्त्री पार्क शराब ठेका टी-पॉइंट तक जाने वाला मुख्य मार्ग आज गंभीर समस्या का केंद्र है। इस सड़क को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया है, जिससे आम नागरिकों को रोजाना भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बंद रास्ता और मजबूरी में गलत दिशा में चलने वाले वाहन
इस टी-पॉइंट से गांधीनगर या दिल्ली की ओर जाने के लिए पहले वाहन चालकों को धर्मपुरा रेड लाइट तक जाना पड़ता है, फिर वहां से यू-टर्न लेकर दोबारा उसी मार्ग से वापस आना पड़ता है। यह चक्कर लगभग 2 किलोमीटर का हो जाता है। समय और ईंधन की बर्बादी के चलते अधिकांश लोग मजबूरी में उल्टी दिशा में वाहन चलाते हैं।
परिणामस्वरूप, शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के गेट पर ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है।
ट्रैफिक जाम के कारण
अवैध फल विक्रेताओं की दुकानें: लंबे समय से मेट्रो स्टेशन के आसपास सड़क किनारे अवैध रूप से फलों की दुकानें लगाई जा रही हैं।
नए लोहे के पुल का निर्माण: पुल का कार्य जारी रहने से भी सड़क की स्थिति खराब बनी रहती है।
अवैध पार्किंग और डग्गामार बसें: शास्त्री पार्क क्षेत्र में डग्गामार बसों की अवैध पार्किंग और मीना बाज़ार क्षेत्र में लोडर वाहनों की अव्यवस्थित खड़ी गाड़ियां जाम को और भी विकराल बना रही हैं।
फर्नीचर मार्केट की अव्यवस्था: दुकानों और शोरूम्स के अंदर पार्किंग न होने से लोडिंग-अनलोडिंग सड़क पर ही होती है, जिससे जाम कई गुना बढ़ जाता है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस अव्यवस्था पर पुलिस की कार्यवाही असंतुलित है।
पुलिस वाणिज्यिक वाहनों, डग्गामार बसों या अवैध पार्किंग पर कार्रवाई नहीं करती।
इसके विपरीत, आम दोपहिया वाहन चालक, जो गलत दिशा में मजबूरी में चलते हैं, पुलिस की कमाई का साधन बनते हैं।
रोजाना चालान की संख्या पूरी करने के लिए इन छोटे वाहन चालकों पर कार्यवाही होती है, जबकि असली ट्रैफिक समस्या उत्पन्न करने वाले वाहन व व्यवसाय अछूते रहते हैं।
बैरिकेडिंग क्यों नहीं हटाई गई?
इस टी-पॉइंट पर बैरिकेडिंग लगभग एक वर्ष से भी अधिक समय से लगी हुई है।
शुरू में इसे एलिवेटेड रोड के पिलर निर्माण के समय अस्थायी रूप से लगाया गया था।
आज पुल का निर्माण पूरा हो चुका है, फिर भी बैरिकेड हटाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
सरकार और प्रशासन से सवाल
क्या दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने इस क्षेत्र की जमीनी स्थिति का सर्वेक्षण किया है?
जब बैरिकेड हटाने से यातायात सामान्य हो सकता है, तो इसे बरकरार रखने का कारण क्या है?
अवैध पार्किंग, डग्गामार बसों और मीना बाजार में हो रही अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?
समाधान की दिशा में सुझाव
- टी-पॉइंट की बैरिकेडिंग तुरंत हटाई जाए, ताकि वाहनों को गलत दिशा में चलने की मजबूरी खत्म हो।
- अवैध पार्किंग और डग्गामार बसों पर कड़ी कार्यवाही हो।
- मीना बाज़ार क्षेत्र और फर्नीचर मार्केट में लोडिंग-अनलोडिंग के लिए निश्चित समय और स्थान तय किए जाएं।
- फुटपाथ और सड़क किनारे से अवैध फलों की दुकानों को हटाया जाए।
- ट्रैफिक पुलिस को केवल आम नागरिकों पर चालान करने की बजाय वाणिज्यिक वाहनों और अवैध पार्किंग पर ध्यान देना चाहिए।
शास्त्री पार्क क्षेत्र के लोग रोजाना इस अव्यवस्था और जाम का सामना कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि वे इस समस्या पर त्वरित और ठोस कदम उठाएं।
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