मोहम्मद साबिर, दिल्ली के कुख्यात इस्लामुद्दीन गैंग का सदस्य, गिरफ्तार
मोहम्मद साबिर, दिल्ली के कुख्यात इस्लामुद्दीन गैंग का सदस्य, गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल ने पलवल के हथीन से मोहम्मद साबिर को गिरफ्तार किया, जो इस्लामुद्दीन गैंग से जुड़ा है और दिल्ली में कई मामलों में शामिल था।
दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल, दक्षिण-पश्चिमी रेंज (एसडब्ल्यूआर) की एक टीम ने इंस्पेक्टर अनुज कुमार त्यागी के नेतृत्व में श्री संजय दत्त, एसीपी/एसडब्ल्यूआर के सुपरविजन में, एक कुख्यात अपराधी मोहम्मद साबिर @ साब्बू @ मोहम्मद साबिर पुत्र मौजूद्दीन निवासी ग्राम मलाई, थाना हथीन, जिला पलवल, हरियाणा, उम्र 37 वर्ष को मुख्य सड़क के पास, महाराणा प्रताप चौक, मंडकोला रोड, हथीन, पलवल, हरियाणा से गिरफ्तार किया है। । इस क्षेत्र में वह छिपा हुआ था और सब्जी विक्रेता के रूप में काम कर रहा था। वह 12/06/2018 से अपने मामलों में माननीय न्यायालय से जमानत पर रिहा होने के बाद से फरार था। पुलिस को चकमा देने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 15/11/2022 के आदेश द्वारा उसे केस FIR No. 45/2016 धारा 186/353/307/412/419/420/468/471/474/34 IPC और 25/27 आर्म्स एक्ट, दिनांक 25/07/2016 पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली और FIR No. 316/2016, धारा 365/395/34 आईपीसी, पीएस वसंत कुंज नॉर्थ, दिल्ली में घोषित अपराधी करार किया गया था।
जानकारी, टीम और ऑपरेशन:
विशेष सेल, एसडब्ल्यूआर की टीमें दिल्ली/एनसीआर में सक्रिय अंतरराज्यीय ईनामी और वांछित अपराधियों पर काम कर रही हैं। इस संबंध में, SI सुनील छिल्लर, ASI सुरेंद्र बालियान, HC सुरेन्द्र यादव, HC विनय कश्यप, HC अभिषेक मलान , HC इंद्रपाल , HC सुभाष कड़वासरा और Ct. सुनील चौधरी की एक टीम ने इंस्पेक्टर अनुज कुमार त्यागी के नेतृत्व में ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारी उत्पन्न कर रही थी। इस दौरान, मोहम्मद साबिर नामक एक कुख्यात अपराधी के बारे में जानकारी मिली। इसके अलावा, यह पता चला कि उसे केस FIR No. 45/2016 धारा 186/353/307/412/419/420/468/471/474/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट, दिनांक 25/07/2016 पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली और FIR No. 316/2016, धारा 365/395/34 आईपीसी, पीएस वसंत कुंज नॉर्थ, दिल्ली में घोषित अपराधी करार किया गया था। वह इस मामले में 12/06/2018 से जमानत पर बाहर आने के बाद से फरार था। पुलिस को चकमा देने के लिए वह लगातार अपना पता बदल रहा था।
जमीनी स्तर पर काम करने से जानकारी विकसित हुई और आरोपी का स्थान पलवल, हरियाणा के क्षेत्र में निर्धारित हो गया। टीम के सदस्यों द्वारा जानकारी को चरण दर चरण विकसित और सत्यापित किया गया और गुप्त इन्फॉर्मस की मदद से क्रॉस-चेक किया गया। टीम के अथक प्रयासों से गुप्त सूचना मिली कि आरोपी मोहम्मद साबिर हथीन, पलवल, हरियाणा के क्षेत्र में पास के गांवों में छिपा हुआ है और सब्जी विक्रेता के रूप में काम कर रहा है।
आरोपी मोहम्मद साबिर की व्यापक खोज शुरू की गई। फील्ड वर्क से पता चला कि आरोपी मोहम्मद साबिर मलोकरा गांव के क्षेत्र में छिपा हुआ है और अपना ठिकाना बदलने वाला है। टीम ने आरोपी की क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खोज की। फिर जानकारी विकसित हुई कि आरोपी मोहम्मद साबिर महाराणा प्रताप चौक, मंडकोला रोड, हाथीन, पलवल, हरियाणा के पास मौजूद है। टीम ने सूचना के स्थान पर पहुंचा और व्यापक खोज शुरू की। अंत में, जब आरोपी मोहम्मद साबिर बाजार में स्थित था, तो टीम के अथक प्रयासों ने फल दिया। आरोपी की पहचान कर ली गई। कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद 35.1 (डी) BNSS के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। 29/08/2024 को उसे माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
पूछताछ और कार्यविधि:
मोहम्मद साबिर का जन्म ग्राम मलाई, थाना हथीन, पलवल, हरियाणा में हुआ था। वह उसी गांव के एक निवासी द्वारा डकैती में शामिल होने के लिए लालच दिया गया था। उन्होंने इस्लामुद्दीन के साथ काम किया और इस गैंग के सदस्यों के साथ डकैती और कार-जैकिंग में भाग लिया। मोहम्मद साबिर एक अच्छा ड्राइवर है, इसलिए इस्लामुद्दीन ने अपराध करने के लिए उसे वाहन चलाने के लिए इस्तेमाल किया। 25/07/2016 को मोहम्मद साबिर , इस्लामुद्दीन और सुरेंद्र के साथ मुंडका दिल्ली के क्षेत्र में पकड़ा गया था। उनके गिरफ्तारी के दौरान इस्लामुद्दीन ने ACP अत्तर सिंह (तत्कालीन इंस्पेक्टर) स्पेशल सेल/एनआर पर गोली चला दी थी और गोली उनके बुलेट प्रूफ जैकेट में जा लगी थी।
इससे आगे पता चला कि इस्लामुद्दीन इस गैंग का प्रमुख है। वह हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, जबरन वसूली, डकैती, डकैती, बलात्कार, लोक सेवक पर हमला आदि के 35 से अधिक मामलों में शामिल है। इस गैंग के 15 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें से अधिकांश मेवात क्षेत्र के हैं। यह पता चला कि इस गैंग का कार्यविधि कारों को लूटना है, जो तांबे के तार वाले ट्रकों का पीछा करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। यह गैंग आम तौर पर तांबे के तार वाले ट्रकों को लूटता है क्योंकि यह बहुत महंगा सामान है और उन्हें अच्छा पैसा मिलता है। फिर यह गैंग ट्रकों और कारों को बेचने के लिए नकली कागजात का इस्तेमाल करता था।
आरोपी की संलिप्तता:
FIR No. 45/2016 धारा 186/353/307/412/419/420/468/471/474 /34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट, पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली
FIR No. 316/2016, धारा 365/395/34 थाना वसन्त कुंज नॉर्थ, नई दिल्ली।
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