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एक और खुलासाः जमातियों से लिए थे रुपये, इसलिए नहीं निकाले मरकज से बाहर

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निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अपराध शाखा की तफ्तीश में पता चला है कि जमातियों से मरकज प्रबंधन ने धार्मिक कार्यक्रम व अन्य मदों के नाम पर मोटी रकम ली थी, इसलिए उन्हें बाहर नहीं निकाला जा रहा था। बताया जा रहा है कि मरकज में जाने वाले हर जमाती से कैश में यह रकम लेकर बैंक में जमा की जाती थी। अब अपराध शाखा मरकज के बैंक खातों की जानकारी खंगाल रही है। रुपयों के लेनदेन और बैंक खातों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर सकती है। दिल्ली पुलिस इसके लिए कागजी कार्रवाई करने जा रही है।अपराध शाखा के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मरकज में आने वाले हर जमाती से मरकज में रहने, खाने और धार्मिक शिक्षा देने आदि के बदले रुपये लिए जाते थे। जमाती की हैसियत देखकर ज्यादा से ज्यादा पैसा लिया जा रहा था। हालांकि, इसकी कोई सीमा तय नहीं थी। रकम लेने के लिए मरकज में अलग से स्टाफ नियुक्त था। ये स्टाफ अंदाजा लगा लेता था कि कौन सा जमाती कितनी ज्यादा रकम दे सकता है। इसके बाद उससे उतनी ज्यादा ही रकम ली जाती थी। 

अपराध शाखा की जांच में ये बात सामने आई है कि मरकज में तीन से पांच दिन का धार्मिक कार्यक्रम होता था। इस कार्यक्रम की पूरी रकम एक साथ ले ली जाती थी। दिल्ली में जब कोरोना फैलना शुरू हुआ और 50 से ज्यादा लोगों के एक साथ एक जगह पर एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी गई तो उस समय मरकज में काफी संख्या में जमाती थे, जिनसे रुपये लिए गए थे। इसलिए इन जमातियों को धार्मिक कार्यक्रम पूरा कराना जरूरी थी।

पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि इसे देखते हुए जमातियों को समय से मरकज से बाहर नहीं निकाला गया था। यहां प्रतिदिन सैकड़ों जमाती आते-जाते थे। अपराध शाखा ने मरकज के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद को छोड़कर एफआईआर में नामजद छह मौलानाओं समेत करीब 10 लोगों से पूछताछ की है। इसमें मरकज का बाकी स्टाफ शामिल है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह स्टाफ भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। 

ईडी कर सकती है बैंक खातों की जांच
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा बैंक की प्रारंभिक जांच कर रही है। इसके बाद ईडी मामले की जांच कर सकती है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच ईडी को देने के लिए लिखने जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अपराध शाखा सिर्फ मरकज मामले में दर्ज हुई एफआईआर की जांच करेगी। 

कई एजेंसियां कर रही हैं पड़ताल
अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार, मरकज मामले की जांच काफी बड़ी है और जमातियों की वजह से कोरोना पूरे देश में फैला। इसलिए काफी एजेंसियां जांच में लगी हैं। जमातियों की मोबाइल डिटेल के अलावा ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। उद्देश्य ये है कि जमातियों का जल्द से जल्द पता लग जाए कि वह कहां-कहां गए हैं, ताकि कोरोना पर जल्द काबू पाया जा सके।

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