ट्रेन में पड़ा मिला लावारिस बैग…जिसमें मिले 1.4 करोड रुपए
दिल्ली से बिहार जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्पेशल ट्रेन के अधिकारियों को कुछ ऐसा ही मिला। अधिकारियों को इसमें एक लाल रंग का लावरिस बैग मिला। खोलकर देखा तो इसमें 1.4 करोड़ रुपये थे।
भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। पता नहीं लोगों का क्या-क्या खो जाता है। लेकिन कई बार ऐसा कुछ मिल भी जाता है जिसके बारे में जानते ही पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ जब दिल्ली से बिहार जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्पेशल ट्रेन में एक लाल रंग के लावारिस बैग में मिला 1.4 करोड़ रुपए । जैसे ही ट्रेन कानपूर पहुंची, तो पैंट्री के स्टाफ ने मामले की सूचना जीआरपी को दी। खबरों के मुताबिक, बैग खोलने पर नोटों से भरा हुआ पाया गया। जब तक नोटों की गिनती हुई तब तक इसे गुप्त रखा गया। मंगलवार रात को नोटों की गिनती का काम पूरा हुआ। इसके बाद इनकम टैक्स अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अब तक ये नहीं पता चला कि ये किसका बैग है ना ही किसी ने इस पर अपना दावा ठोका है। अधिकारी ने कहा ट्रेन आगे की यात्रा के लिए आगे बढ़ गई लेकिन रूट के किसी स्टेशन पर बैग के गायब होने के बारे में कोई रिपोर्ट नहीं लिखवाई गई।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोविड स्पेशल ट्रेन नई दिल्ली से सोमवार रात 9:15 पर चली देर रात 2:51 पर कानपुर सेंट्रल पहुंची उसके बाद पैंट्री कार के कर्मचारियों ने रेलवे अफसरों को ट्रेन में लाल रंग का ट्रॉली बैग होने की सूचना दी। काफी देर से ये बैग पड़ा था। जीआरपी और आरपीएफ टीम वहां पहुंची उसके बाद स्कैनिंग की गई और फिर बैग को कब्जे में ले लिया गया। बड़ी संख्या में रुपये मिलने होने के बाद रेलवे के अधिकारी भी हैरान हैं।
हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि रुपयों से भरा बैग किसका है और ना ही किसी ने अभी तक रिपोर्ट लिखवाई है । फिलहाल इससे यह भी पता चलता है कि हर रेलवे स्टेशन पर स्कैनिंग मशीन होना कितना अनिवार्य है अगर स्कैनिंग मशीन होती तो यह बैक किसका है इसको पता लगाने के लिए कोई रास्ता दिखता लेकिन बड़े शहरों के स्टेशनों के साथ-साथ छोटे स्टेशनों पर भी स्कैनिंग मशीन होनी चाहिए । जिससे ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके ।
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