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उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने आनंदा डेयरी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया: उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण फैसला

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने आनंदा डेयरी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया: उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण फैसला
नई दिल्ली, 19 मई 2024:

आज, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, सदन, कुतुब संस्थागत क्षेत्र, नई दिल्ली-16 ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरतने के लिए प्रसिद्ध डेयरी मेसर्स आनंदा डेयरी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।

माननीय अध्यक्ष, श्रीमती मोनिका श्रीवास्तव (अध्यक्ष), रितु गरौड़िया और डॉ. राजेन्द्र धर (सदस्य) की पीठ ने इस कड़े फैसले में आनंदा डेयरी को उपभोक्ता कल्याण कोष (कानूनी सहायता) में निर्धारित राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।

यह फैसला श्री संजय कुमार मिश्रा, एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित था, जिन्होंने सितंबर 2021 में आनंदा पनीर के 200 ग्राम पैकेट में एक बड़ा काला कीड़ा पाया था। इस घटना से स्तब्ध और व्यथित श्री मिश्रा ने तुरंत उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया और आनंदा डेयरी पर उपभोक्ता सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

माननीय आयोग ने श्री मिश्रा की शिकायत की गहन जांच की और पाया कि आनंदा डेयरी ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी नहीं बरती। आयोग ने इस लापरवाही को जनसाधारण के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना और आनंदा डेयरी को कड़ी सजा सुनाई।

यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है और यह दर्शाता है कि उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह फैसला यह भी संदेश देता है कि कंपनियां अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें, अन्यथा उन्हें भविष्य में कड़े परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

मुख्य बिंदु:

  1. उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एम/एस आनंदा डेयरी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।
  2. जुर्माना उपभोक्ता कल्याण कोष (कानूनी सहायता) में जमा किया जाएगा।
  3. शिकायतकर्ता ने आनंदा पनीर के 200 ग्राम पैकेट में एक बड़ा काला कीड़ा पाया था।
  4. अदालत ने आनंदा डेयरी की लापरवाही को जनसाधारण के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना।
  5. यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है और यह दर्शाता है कि आयोग उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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